History of Taj Mahal : ताज महल का इतिहास

History of Taj Mahal : ताज महल का इतिहास

आइये जानते है ताज महल के बारे में

पूरे विश्व में किसी के भी जुबान यदि भारत का नाम हो और दूसरा नाम भारत में स्थित ताज महल का न आये , ऐसा कभी संभव नहीं हो सकता | दुनिया के खूबसूरत एवम नायाब इमारतो में से  एक है ताज महल | दुनिया के साथ अजूबो से एक ताज महल भी गिना जाता है ,जिसे कोई प्रेम का प्रतीक कहता है , तो कोई समाधि के नाम से पुकारता है |

माना जाता है कि  ताज महल मुग़ल बादशाह  शाहजहाँ ने अपनी पत्नी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था , जिसका मरते दम तक यही सपना था कि उसके लिए ताज महल जैसी इमारत बने | इस नायाब एवम खूबसूरत इमारत को 20000 मजदूरों ने 22 वर्षो में मिल कर बनाया था |

ताज महल कहाँ स्थित है

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित यमुना नदी के किनारे पर ताज महल स्थित है | यह दिल्ली शहर से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | मुगलों ने सबसे पहले दिल्ली के स्थान पर आगरा शहर को ही अपनी राजधानी बनाया था | मुगलों के  बादशाह शाहजहाँ ने यह भव्य इमारत अपनी तीसरी पत्नी मुमताज की याद में बनवाई थी |

मुमताज की कहानी

मुमताज परसिया देश की राजकुमारी थी और शाहजहाँ की सबसे चहेती पत्नी थी , जिसकी मृत्यु अपनी 14 वी संतान को पैदा करते समय हुई थी | माना जाता है कि मुमताज की मरते दम तक ख्वाइश थी कि उसके लिए एक मकबरा बनाया जाए , लेकिन उससे पहले ही उसकी मृत्यु हो गयी थी | इसीलिए शाहजहाँ ने उसकी याद में ताज महल का निर्माण किया और यह भी माना जाता है कि शाहजहाँ ने अपने लिए भी काले ताज महल का निर्माण करवाना था , लेकिन उसके बेटेऔरंगजेब ने उसे कैद कर लिया था , इसीलिए उसका सपना अधूरा रह गया था |

ताज महल के निर्माण की कहानी

महोब्बत की मिसाल माने जाने वाले ताज महल का निर्माण करने में 22 वर्ष का समय लगा था | 42 एकड़ में फैले इस ताज महल को बनाने में 20 हज़ार से ज्यादा मजदूर लगे थे | 1631  में इसका निर्माण कार्य आरम्भ किया गया था और 1653 तक इसका निर्माण कार्य चला था | विराट कद में गुम्बदों का निर्माण करने के लिए तुर्की के इस्तानबुल के कारीगरों को बुलाया गया। तथा मीनारों का निर्माण करने के समरकंद से कारीगरों को बुलाया गया।
यह भी माना जाता है कि ताज महल के निर्माण कार्य के बाद शाहजहाँ ने सभी मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे कि इस जैसी भव्य  और नायाब इमारत कोई और न बना सके | इस दौरान 1000 हाथियों को प्रयोग में लाया गया था |

ताज महल के बारे में कही अनकहीं बातें

1. कहते है कि ताज महल बनाने वाले कारीगरों ने इसकी छत्त पर छेद रख दिया था , ताकि शाहजहाँ का पूरी इमारत बनाने का सपना पूरा न हो सके |

2. माना जाता है कि इसकी चार मीनारे झुकी हुई है , इसका वैज्ञानिक तथ्य यह है कि यह मीनारे भूकंप से इमारत को बचाती है , लेकिन कुछ लोग कहते है कि यह चारो मीनारे ताज महल को सलाम करती है |

3. सफेद रंग होने के कारण यह अपने आप को उसी रंग में ढाल लेता है | सुबह के समय गुलाबी रंग , दोपहर के समय सफ़ेद रंग , सूर्यास्त के समय पीला रंग और रात के समय नारंगी रंग में बदल जाता है |

4.हिन्दू समुदाय के लोग यह दावा करते है कि वास्तव में यह एक शिव मन्दिर था , जिसे तेजोमहालय कहा जाता था |

5. ताज महल को देखने के लिए सबसे ज्यादा पर्यटक आते है , दिन में करीब 120000 सैलानी |

6. ताज महल के सभी फुव्हारे एक साथ काम करते है , प्रत्येक फुव्हारे के नीचे ताबे का एक टैंकर लगा हुआ है , टैंकर भरने के बाद पानी का दबाव बनने पर ये फुव्हारे एक साथ पानी छोड़ते है |

7. वैसे तो क़ुतुब मीनार को भारत की सबसे ऊँची इमारत माना जाता है , लेकिन ताज महल क़ुतुब मीनार से भी बहुत ऊँचा है |

8. यह भी माना जाता है कि सफ़ेद ताज महल बनाने के बाद शाहजहाँ ने काला ताज महल बनाने के बारे में भी सोचा था , लेकिन उसे बनाने से पहले ही उसके बेटे औरंगजेब ने उसे बंधी बना लिया था और उसका सपना अधूरा रह गया |

9. शाहजहां और मुमताज़ के पार्थिव शरीर इसके नीचे तुलनात्मक रूप से साधारण, असली कब्रों में दफन हैं, जिनके चेहरे दाएं और मक्का की तरफ हैं। मुमताज़ की कब्र पर उनकी खूबसूरती की प्रशंसा लिखी हुई है।

10 . माना जाता है कि अंग्रेजों ने ताजमहल से कीमती रत्न निकाल लिए।

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