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Heart Touching 23 Desh Bhakti Shayari in Hindi
बस यह बात दिल में दबाये रखना
चिरागों की रौशनी दिल में जगाये रखना
लहू देकर जिसकी हिफाजत की है जिन शहीदों ने
उस तिरंगे को दिल में सदा बसाये रखना |
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है
हम लहरायेगे हर जगह यह तिरंगा
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है |
जो अब तक न खोला
वह खून नहीं पानी है
जो देश के काम न आये
वह बेकार जवानी है |
आओ झुक कर करें सलाम
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है |
बड़े खुश नसीब होते है वो लोग
जिनका खून देश के काम आता है |
दिल में अमन और होठों पर मुस्कान रहती है
धन्य है वो सिपाही , जिनके दिल में भक्ति देश के लिए रहती है |
उंगलियों की तरह चाहे हम अलग अलग रहते है
छोटी छोटी बातो पर लाख चाहे झगड़ते है
आ देखे कोई हमारे वतन की तरफ
मुठी बन हम सब सामना उसका करते है |
देश की खातिर परिवार को त्यागा है
आबाद रहे हमारा यह गुलिस्तान
इसी कारण देश की सरहदों पर
अपना जीवन बिताया है |
किसी के साथ जीवन बिताने का वायदा आधा छोड़ आया हूँ
घर पे खिलखिलाती सी चिड़िया छोड़ आया हूँ
मुझे अपने चरणों में लगाये रखना ऐ भारत माँ
क्यूकि अपनी माँ की चरणों की धूल में कहीं छोड़ आया हूँ |
देश की मिटटी का गुणगान हम करते है
खौफ नहीं रखते मौत के आने का
लाश पर बने कफ़न तिरंगे का
बस यही अरमान लिए दिल में घूमते है |
एक अजब सा नशा है
ऐ हिंदुस्तान तेरी महोब्बत है
तेरे लिए मौत भी गले से लगा लेंगे
ऐसा फनाह होने का जज्बा तेरे से आया है |
चलो आज देश को सलाम करते है
आज का यह हमारा दिन देश के नाम करते है
कुर्बान जो गये मुल्क की खातिर
आज हम उनको सर झुका कर सलाम करते है |
नफरत बुरी है न पालो इसे
दिलो में खलिश है निकालो इसे
न तेरा न मेरा तेरा इसका न उसका यह सबका वतन है संभालो इसे |
दिल में अरमान जगाये रखना
खुशियों के दीप हमेशा मन में जगाए रखना
महफूज़ रहे हमेशा हिन्दुस्तान हमारा
इसी बात की फ़रियाद हमेशा लगाये रखना |
लड़े जंग वीरो की तरह
जब खून खौल फौलाद हुआ
मरते दम तक डटे रहे वो
तभी तो देश आज़ाद हुआ |
खून से खेलेगे होली
अगर वतन मुश्किल में है
सरफरोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है |
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी लहू की
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे|
लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर
भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर
ले लेंगे उसकी जान या खेलेंगे अपनी जान पर
कोई जो उठाएगा आँख हिंदुस्तान पर
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
क्या लोग थे वो अभिमानी
है धन्य वो उनकी जवानी
उनके हौंसले का मुकाबला ही नहीं है कोई
जिनकी कुर्बानी का कर्ज हम पर उधार है
आज हम इसीलिए खुशहाल हैं क्योकि
सीमा पे जवान बलिदान को तैयार है |
मिटा दिया है वजूद उनका
जो भी इनसे भिड़ा है,
देश की रक्षा का संकल्प लिए
जो जवान सरहद पर खड़ा है।
लिख रहा हूँ में अंजाम जिसका
कल उसका आगाज आएगा
मेरे लहू का हर एक कतरा
इन्कलाब लेकर आएगा
में रहूँ चाहे न रहूँ , लेकिन वायदा है तुमसे
मेरे बाद वतन पर मरने वालो का सैलाब जरुर आएगा |
उड़ जाती है नींद ये सोचकर
कि सरहद पे दी गयीं वो कुर्बानियां
मेरी नींद के लिए थीं |
न पूछो ज़माने को,
क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है,
कि हम सिर्फ हिन्दुस्तानी हैं
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