बचपन : Hindi Poem on Bachpan
बचपन : Hindi Poem on Bachpan बचपन का भी वो क्या दौर होता है दुनियादारी का न कोई झंझट न झमेला होता है दिल भी निर्मल पानी जैसा बहता है स्वार्थ भावना का कुछ पता नहीं शायद इसीलिए बच्चो में भगवन का रूप देखा जाता है बचपन का भी वो क्या दौर होता है | माँ की आँचल में जन्नत का एहसास होता है पिता की हर बात पे डांट का एहसास…
