Essay on Corruption in hindi

Essay on Corruption in hindi

Essay on Corruption in hindi
Essay on Corruption in hindi

 

What is corruption ? भ्रष्टाचार क्या है ?

भ्रष्ट अर्थात बुरा एवम अचार अर्थात आचरण यानि भ्रष्टाचार का अर्थ है – बुरा आचरण करने वाला | अपने निजीफायदे के लिए किसी दुसरे व्यक्ति की बेबसी का फायदा उठाना ही भ्रष्टाचार कहलाता है | जैसे जैसे समय बदल रहा है , लोगो की ज़िन्दगी के मायने बदल रहे है , वैसे वैसे ही लोगो में स्वार्थ , अहंकार की भावना विकसित होती जा रही है | लोग अपने फायदे के लिए गलत और सही रास्ते में अंतर करना भी भूल गए है |

कहाँ पाया जाता है भ्रष्टाचार

जब भी भ्रष्टाचार का नाम आता है -तो सबसे पहले दिमाग में सार्वजनिक कार्यालय आते है , लेकिन यदि सोचा जाए तो आज बच्चे से लेकर बड़ो तक हर कोई भ्रष्ट है | भ्रष्टाचार आज के समय में घर से ही आरम्भ होता है – जब छोटे बच्चे को कहा जाता है कि यदि तुम्हारे परीक्षा में अच्छे अंक आयेगे तो तुम्हे तोहफा मिलेगा | एक छोटे बच्चे को सफलता प्राप्त करने के लिए भ्रष्टाचार हम ही सिखाते है | आज होनहार विद्यार्थी के अंको को पैसो से आँका जाता है , जात पात ने इंसानियत को दाव पर लगा दिया है | घर से लेकर स्कूल तक , स्कूल से लेकर कॉलेज तक , कॉलेज से कार्यालय तक समाज के हर कोने में भ्रष्टाचार पाया जाता है |

Reasons of Corruption – भ्रष्टाचार के कारण

भ्रष्टाचार के ऊपर बहुत रिसर्च करने के बाद इसके बहुत सारे कारण सामने आये है – उन में से कुछ निम्नलिखित है –

ज्यादा पैसा कमाने की होड़

आधुनिक समय में प्रत्येक व्यक्ति में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की होड़ लगी हुई है | अपने सारे  दोस्तों , रिश्तेदारों से वो अमीर बनना चाहते है | पैसा कमाने की ऐसी लत लग गई है कि सही और गलत के मायने भूल कर किसी सही इंसान का बुरा करते हुए हम एक पल के लिए भी नहीं सोचते है |

असंतुष्टि

आधुनिक पीड़ी कम समय में बहुत कुछ जिसमे आधुनिक सुविधायें , ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने , सफलता प्राप्त करना चाहती है , चाहे उसके लिए उसे कोई भी कीमत चुकानी पढ़े , चाहे कितने भी रिश्तो की बलि उसे देनी पढ़े , वो जरा सा भी नहीं झिझकती , जो कि आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है |

आधुनिकीकरण

आज के इस आधुनिकीकरण युग में युवा पीड़ी को सभी सुविधायें आसानी से मिल गई है , जिसकी वजह से संघर्ष करना उन्हें रास नहीं आता | बिना संघर्ष किये सब कुछ पाने की चाह में सही और गलत के मायने भुला कर भ्रष्टचार के राह पर चल पढ़े है |

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