Hindi Shayari – Pyar koi khel nahi

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Hindi Shayari – Pyar koi khel nahi

Hindi Shayari - Pyar koi khel nahi
                                                                              Hindi Shayari – Pyar koi khel nahi

पहले मुझे अपना बनाया
अपने दिल के कोने में सजाया
जब मेने अपना हक जताया
मेरे साथ ही दगा कमाया
प्यार कोई खेल नहीं |

मुझे कहते थे कि
ज़िन्दगी में मेरी सिर्फ तुम ही हो ,
साथ में हो मेरे तो
ज़न्नत में हूँ
मुझे बीच रास्ते में यूँ
पुराने लिवाज़ की तरह छोड़ गये
प्यार कोई खेल नहीं |

साथ में खाई थी संग जीने मरने की कसमे
साथ में लिए थे कई जन्मो तक साथ रहने के वायदे
आज जब समय आया कसमे वायदे निभाने का
दूर हो गए आँखों से ओझल यूँ
कि मांग लिया मेने स्थान किसी ओर के दामन का
प्यार कोई खेल नहीं |

मेरी आँखों में आंसू का एक कतरा भी
बर्दाश्त न कर पाते थे
आज हलकी सी एक मुस्कराहट
के लिए भी मोहताज़ हो गए है
अपनी बदले हालात देख कर
मन में ये एहसास आया है
प्यार कोई खेल तो नहीं है |

सोचा न था कि ऐसा सिला
मिलेगा मुझे तुमसे प्यार का
तुमसे दिल लगा कर ऐसी
पा ली है सजा हमने
कि दिल के टूटे हुए हर टुकड़े से यही
आवाज़ आती है
प्यार कोई खेल नहीं |

आज भी तुमको दुआएं देते है
जहाँ भी रहो खुश रहो
खुशियों से भरी रहे झोली तुम्हारी
यही फ़रियाद है खुदा से कि
मेरा अधूरा प्यार किसी और का न रहे
क्योकि यह प्यार है , एक ही बार होता है
प्यार कोई खेल नहीं है
जो बार बार होता है |

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