Seven Wonders of the World in Hindi

Seven Wonders of the World in Hindi

आखिर अजूबे नाम क्यों दिया गया ?

विश्व में मोजूद सात अजूबो के बारे में कौन नहीं जानता ? लेकिन सोचने की बात है कि इनको अजूबे क्यों कहा जाता है ? इन इमारतो को अजूबे नाम इनके भव्य निर्माण एवम इनकी आकर्षता को देख कर रखा गया था | दुनिया के सात अजूबे सबसे पहले लगभग 2200 साल पहले आये थे. प्राचीन विश्व में सबसे पहले 7 अजूबे का विचार हेरोडोटस और कल्लिमचुस को आया था |

विश्व के प्राचीन सात अजूबे

  • लाइटहाउस ऑफ़ अलेक्सान्दिरा (Lighthouse of Alexendra)
  • स्टेचू ऑफ़ ज़ीउस अट ओलम्पिया ( Statue of Zeus at Olympia)
  • ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गिज़ा (Great Pyramid of Giza)
  • हैंगिंग गार्डन्स ऑफ़ बेबीलोन ( Hanging Gardens of Babylon)
  • टेम्पल ऑफ़ आर्टेमिस एट एफेसुस ( Temple of Artemis at Ephesus)
  • मौसेलोउस का मकबरा (Mousoleum at Halicarnassus)
  • कॉलॉसस ऑफ़ रोडेज (Colossus of Rhodes)लेकिन आज के समय में केवल ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गिज़ा ही बचा हुआ है , शेष सभी अजूबे अभी नष्ट हो गये है |इसके बाद कई देश के इंजिनियर और शोधकर्ताओं ने अपने अपने हिसाब कई लिस्ट निकाली, लेकिन उसे पुरे विश्व से सहमति नहीं मिली|

विश्व के साथ नए अजूबे (New Seven Wonders of the World )

The Great Wall of China

Seven Wonders of the World

द ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना , जिसकी लम्बाई लगभग 8850 किलोमीटर है और 35 फीट ऊँची है | इस दीवार की विशालता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि इस दीवार को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है | मिट्टी और पत्थर से बनी यह दीवार उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए बनाई गयी थी | माना जाता है कि इसे बनाने में 20 से 30 लाख मजदूरों ने अपना जीवन लगा दिया था |अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु दस लाख से अधिक लोग नियुक्त थे।

2. The Colosseum

Colosseum                                                                   Colosseum

इटली के रोम नगर में स्थित यह एक विशाल स्टेडियम है , जिसे फ्लेवियन एम्फीथियेटर के रूप में भी जाना जाता है | इसका निर्माण 72 वी इसवी के मध्य में आरम्भ हुआ था और 80 वी इसवी में सम्राट टाईनटज के द्वारा पूरा किया गया था | ओवल शेप की बनी यह विशाल आकृति अपनी वास्तुकला से विश्व के 7 अजूबो में जगह बनाये हुए है | सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि इस स्टेडियम में 50000 के करीब दर्शक शामिल हो सकते थे . जो कि उस समय के लिए बहुत ही विचित्र  बात थी |

3. Chichen Itza

Chichen itza                                                              Chichen itza

चिचेन इटजा मक्सिको में बसा हुआ बहुत पुराना मयान मंदिर है | इसका निर्माण 600 AD में हुआ था | मयान संस्कृति की अनुकूल प्रतिभा चिचेन इटजा के खंडरो में देखी जा सकती है | यह शक्तिशाली शहर  कपड़े, गुलाम, शहद और नमक का एक व्यापारिक केंद्र है | चिचेन इटजा  में स्थित माया मंदिर 5 किलोमीटर में फैला हुआ है|

इस मंदिर में उपर जाने के लिए चारो दिशाओ में कुल मिला कर  365 सीढियां है |हर दिशा से 91 सीढियां है. कहते है, हर एक सीढ़ी एक दिन का प्रतिक है. उपर 365 दिन के लिए एक बड़ा चबूतरा बना हुआ है |

4. Christ The Redeemer

christ the redeemer                                                          christ the redeemer

क्राइस्ट द रेडीमेर  ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में स्थापित ईसा मसीह की एक प्रतिमा है जिसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टैच्यू माना जाता है। यह प्रतिमा अपने 9.5 मीटर (31 फीट) आधार सहित 39.6 मीटर (130 फीट) लंबी और 30 मीटर (98 फीट) चौड़ी है। इसका वजन 635 टन (700 शॉर्ट टन) है और तिजुका फोरेस्ट नेशनल पार्क में कोर्कोवाडो पर्वत की चोटी पर स्थित है700-मीटर (2,300 फीट) जहाँ से पूरा शहर दिखाई पड़ता है।

यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊँची मूर्तियों में से एक है | ईसाई धर्म के एक प्रतीक के रूप में यह प्रतिमा रियो और ब्राजील की एक पहचान बन गयी है। यह मजबूत कांक्रीट और सोपस्टोन से बनी है, इसका निर्माण 1922 और 1931 के बीच किया गया था। 

5. Petra


पेट्रा साउथ जोर्डन में बसा एक ऐतिहासिक शहर है , जो अपनी पत्त्थर की कलाकृतियों के लिए जाना जाता है | ऐतिहासिक और पुरातन शहर में वास्तुकला का निर्माण चट्टानों को काट कर किया गया है | अपनी अनोखी वास्तुकला के कारण ही यह सात अजूबो में शामिल है | इसे रोस सिटी के नाम से भी जाना जाता है , क्योकि यहाँ सभी कलाकृति लाल पत्थर की बनी हुई है |इस शहर में बहुत सारी चीज़े आकर्षण केंद्र है , जिसमे ऊँचे  ऊँचे मंदिर है , नहरे और तालाब भी सम्पूर्ण योजना के साथ बनाये गये है |

6. Machu Pichu

                                                              Machu Picchu

माचू पिचु दक्षिणी अमेरिका के पेरू शहर में स्थित एक शहर में बसा हुआ है |माचू पिच्चू को 1981 में पेरू का एक ऐतिहासिक देवालय घोषित किया गया और 1983 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की दर्जा दिया गया। क्योंकि इसे स्पेनियों ने इंकाओं पर विजय प्राप्त करने के बाद भी नहीं लूटा था, इसलिए इस स्थल का एक सांस्कृतिक स्थल के रूप में विशेष महत्व है और इसे एक पवित्र स्थान भी माना जाता है।

7. Taj Mahal

History of Taj Mahal                                                                    Taj Mahal

भारत के आगरा शहर में बसा ताज महल भारत के मुगलों की बेहतरीन वास्तु कला का नमूना है | इसे मुग़ल राजा शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था | इसे बनाने के लिए 20, 000 मजदूरों ने 20 वर्षो में बनवाया था | कहा जाता है कि इसे बनवाने के बाद शाहजहाँ ने मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे , ताकि इस जैसा महल कोई न बना सके | यमुना नदी के किनारे बसा यह संगमरमर का ताज महल दिन में कई रंग बदलता है | भारत में यह स्थान पर्यटकों के लिए बहुत ही आकर्षण का केंद्र है |

This Post Has One Comment

  1. Shipra Narula

    Thank you so much

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